सफलता की ओर एक प्रयास
"याद रखना सपने तुम्हारे है तो
पूरा भी तुम ही करोगे
ना ही हालत तुम्हारे हिसाब से होंगे
और न लोग "
कई बार लोग सफलता न मिलने से निराश होकर अपना लक्ष्य बदल देते है, तो कुछ अच्छे वक़्त आने का बहाना करते रहते है । लेकिन अच्छा तो यही होगा कि आज ही अपने लक्ष्य कि ओर कदम बढ़ाएं ।
एक बार की बात है, एक निः संतान राजा था , वह बूढ़ा हो चूका था और उसे राज्य के लिए एक योग्य उत्तराधिकारी की चिंता सताने लगी । योग्य उत्तराधिकारी की तलाश के लिए राजा ने पुरे राज्य में एलान करवाया कि आमुक दिन शाम को जो मुझसे मिलने आएगा , उसे मै अपने राज्य का हिस्सा दूंगा । राजा के इस निर्णय से मंत्री ने रोष जताते हुए राजा से कहा, महाराज आप से मिलने तो बहुत से लोग आएंगे और यदि सभी को उनका भाग देंगे तो राज्य के टुकड़े टुकड़े हो जायेंगे । राजा ने मंत्री को आश्वस्त करते हुए कहा, मंत्री जी आप व्यर्थ चिंता कर रहे है, देखते रहे क्या होता है ।
निश्चित दिन जब सबको मिलना था, राजा ने बगीचे में एक विशाल मेले का आयोजन करवाया । मेले में नाच -गाने , खाने के लिए स्वादिष्ट व्यंजन तथा तरह तरह के खेल हो रहे थे । राजा से मिलने आने वाले कितने ही लोग नाच -गाने , घूमने -फिरने के आनंद में डूब गए ।इस तरह समय बीतने लगा ।इन सभी के बीच एक व्यक्ति ऐसा भी था जिसने किसी चीज कि तरफ भी नहीं देखा । उसके मन में एक निश्चित उद्देश्य था कि उसे राजा से मिलना है, इसीलिए वह बगीचा पार करके तय समय पर राजमहल में पहुंच गया । जैसे ही वह अंदर पहुंचा राजा उसे समाने ही मिल गए और उन्होंने कहा मेर राज्य में कोई व्यक्ति तो ऐसा मिला है जो किसी प्रलोभन में फसे बिना अपने लक्ष्य तक पहुंच सका। राजा ने उसे राज्य का उत्तराधिकारी बना दिया।
"सफल वही होता है जो लक्ष्य का निर्धारण करता है , उसपर अडिग रहता है, रास्ते में आने वाली हर कठिनाइयों का डट कर सामना करता है"
https://vardhmanmotivation.blogspot.com/2021/03/motivational-facts-about-life.html
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